संज्ञा एक ऐसा व्याकरण का भाग है जो हर हिंदी व्याकरण पढ़ने वाले को पढ़ना पड़ता है हम इस पोस्ट में संज्ञा किसे कहते हैं और संज्ञा के कितने भेद होते हैं जानेंगे अतः आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।
संज्ञा हिंदी व्याकरण शुरुआती पाठ है जो समझिए किया पहली सीढ़ी है संज्ञा के प्रश्न बच्चों के क्लास से शुरू हो जाते हैं और बच्चों के एग्जाम में भी संज्ञा से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं तो आइए हम इस पोस्ट में संज्ञा के बारे में पढ़ें।
संज्ञा किसे कहते हैं?
किसी व्यक्ति वस्तु अस्थान गुण भाव आदि के नाम का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं। जैसे- राम, झारखंड, कुर्सी, बाजार, सोना आदि।
संज्ञा के पांच भेद होते हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जिस शब्द से किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति का पता चले उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- राम, श्याम, झारखंड, बिहार, भारत, हरिद्वार
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जिन शब्दों से एक ही प्रकार की सभी वस्तु अथवा व्यक्तियों का पता चले उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे मनुष्य, जानवर, नदियां, पर्वत
समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जिस शब्द से किसी समुदाय या समूह का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे सेना, परिवार, कक्षा, सभा
द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जिस संज्ञा शब्द से किसी सामग्री या पदार्थ का बोध हो तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं इनका नाम आप नापतोल में होता है।
जैसे- सोना, चांदी, लोहा, लकड़ी
भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जिन संज्ञा शब्दों से व्यक्ति या वस्तु के गुण या धर्म दशा व्यापार आदि का ज्ञान हो तो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे अच्छा, मिठास, बचपन, बुढ़ापा