विशेषण हिंदी व्याकरण का एक ऐसा भाग है जिससे किसी वास्तु की विशेषता का पता चलता है इसलिए विशेषण का ज्ञान होना आपके लिए जरुरी है।
विशेषण किसे कहते हैं?
ऐसे शब्द जो किसी क्रिया की या वस्तु की विशेषता बतलाते हैं विशेषण कहलाते हैं। वस्तु की विशेषता में रंग,परिणाम संख्या, गुण आदि हो सकते है।
विशेषण के भेद भेद है?
विशेषण के चार भेद है-
- गुणवाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- संकेत वाचक विशेषण
गुणवाचक विशेषण किसे कहते है?
जिस विशेषण शब्द से सज्ञा अथवा सर्वनाम के गन, रंग, समय, स्थान, आकार, दशा, अवस्था, दिशा, गंध, स्पर्श तथा स्वाद आदि का बोध होता है, उसे गुणवाचक विशेषण कहते है।
जैसे- आम मीठे है।
परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते है?
जिस विशेषण शब्द से किसी वास्तु अथवा पदार्थ की मात्रा अथवा नाप-तौल का बोध हो, उसे परिमाण वाचक विशेषण कहते है।
जैसे- तालाब में बहुत साडी मछलिया है।
संख्यावाचक विशेषण किसे कहते है?
जिस विशेषण शब्द से सज्ञा या सर्वनाम शब्दों की संख्या का बोध हो उसे संख्यावाचक विशेषण कहते है।
जैसे- मेरी कक्षा में पचास विद्यार्धी है।
संकेतवाचक विशेषण किसे कहते है?
जिस सर्वनाम का प्रयोग किसी संज्ञा के साथ विशेषण की तरह होता है, उन्हें संकेत वाचक सर्वनाम कहते है।
जैसे- ये लड़के अच्छे है, वे नही ।