कुंती के कितने पति थे?
कुंती का केवल ही विवाह पाण्डु से हुआ था, पर कुंती को वरदान प्राप्त था कि वो जिस भगवन का ध्यान करेगी वह भगवान उससे तुरंत प्रसन्न हो जायेगा और उसे वरदान देगा परन्तु जब पाण्डु को मिला श्राप कारण पाण्डु लैंगिक सम्बन्ध नहीं बना सकता था।
इसलिए माता कुंती ने सूर्य भगवन का ध्यान कर कर्ण नामक पुत्र को जन्म दिया और कुंती का द्वितीय पुत्र युद्धिष्ठिर धर्मराज से हुआ। कुंती को तृतीय पुत्र भीम वायु के देवता से हुआ। कुंती को चतुर्थ पुत्र अर्जुन इन्द्र से हुआ।