हैलो दोस्तों स्वागत है आपका इस पोस्ट में,
आज हम इस पोस्ट में बिजली के बल्ब के बारे में बात करने जा रहे हैं। हम इस पोस्ट में यह जानेगे कि बल्ब कैसे रोशनी देता है और बल्ब के कितने प्रकार है इन सभी का जवाब हम इस पोस्ट में जानेगे।
आज हम इस पोस्ट में बिजली के बल्ब के बारे में बात करने जा रहे हैं। हम इस पोस्ट में यह जानेगे कि बल्ब कैसे रोशनी देता है और बल्ब के कितने प्रकार है इन सभी का जवाब हम इस पोस्ट में जानेगे।
विद्युत बल्ब क्या है और यह रोशनी कैसे देता है?
दोस्तों विद्युत बल्ब की खोज थामस अल्वा एडिसन ने की थी। विद्युत बल्ब विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव को दिखाता है बल्ब के अंदर लगे तार में जब विद्युत प्रवाहित किया जाता है तो वह इतना गर्म हो जाता है कि इससे प्रकाश निकलने लगता है। अतः इसे प्रदीप्त लैम्प भी कहते हैं।
विद्युत बल्ब कांच का बना होता है, इसके अंदर तक अत्यधिक ताप का तंतु होता है। टंगस्टन धातु बल्ब के फिलामेंट मे लगी होती है। टंगस्टन का गलनांक काफी अधिक होता है।
बल्ब के अंदर की हवा निकाल ली जाती है क्योंकि यदि हवा की उपस्थिति में ही फिलामेंट में धारा प्रवाहित की जाएगी तो फिलामेंट होकर चूर चूर हो जाएगा, दूसरे शब्दों में फिलामेटों को वाष्पीकृत होने से रोकने के लिए निष्क्रिय गैस (आर्गन या नाइट्रोजन) भर दिया जाता है।
फिलामेंट उनके सिरों को चालक तार द्वारा बंद के आधार से जोड़ दिया जाता है बल्ब का आधार एक होल्डर के साथ लगाया जाता है जिससे धातु के पिन चालक तारों को स्पर्श कर सके। यह पिन मुख्य तार से जुड़ा रहता है जब परिपथ में धारा प्रवाहित की जाती है तो फिलामेंट से प्रभावित होने वाली धारा उच्च प्रतिरोध उत्पन्न करता है जिसके कारण फिलामेंट गर्म हो जाता है जब ताप काफी अधिक गर्म हो जाता है तो बल्ब प्रकाशित होने लगता है।
बल्ब के प्रकार
बल्ब के मुख्यतः पाॅच भाग है-- इन्कैन्डीसैट लैम्प
- गैस डिसचार्ज लैम्प
- नियाॅन साइन लैम्प
- कार्बन आर्क लैम्प
- अन्य महत्वपूर्ण लैम्प