कर्मधारय समास, समास का एक मुख्य भाग है जो आपको हम इस पोस्ट में बताने जा रहे है? क्या आप जानते है की समास किसे कहते है? नहीं तो हम आपको बताते है।
कर्ममधारय समास किसे कहते हैं?
जिस सामासिक पद का उत्तर पद प्रधान हो और दोनों पदों में रूप में ‘उपमेय-उपमान’ और ‘विशेषण-विशेष्य’ का संबंध हो, उसे कर्मधारय समास कहते है। जैसे-चरणकमल
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कर्मधारय समास के तीन भेद है-
- उपमेय-उपमान
- विशेषण-विशेष्य
- मधयपद-लोपी
उपमेय उपमान
जिस कर्मधारय समास के दोनों पदों में उप में उपमान संबंध हो उपमेय उपमान कहलाता है।
उदाहरण-
सामासिक शब्द | विग्रह |
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मुखचन्द्र | मुख रूपी चन्द्रमा |
नरसिंह | नरो में सिंह के समान |
करकमल | कर रूपी कमल |
कमलनयन | कमल के समान नयन |
देहलता | देह रूपी लता |
विशेषण-विशेष्य
जिस कर्मधारय समास का प्रथम पद विशेषण और उत्तर पद विशेष से हो विशेषण विशेष्य कहलाता है।
उदाहरण-
सामासिक शब्द | विग्रह |
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नीलकंठ | नीला कंठ |
कृष्णसर्प | कृष्ण है जो सर्प |
सज्जन | सत जन |
कालीमिर्च | काली है जो मिर्च |
महाराजा | महान है जो राजा |
मध्यलोपी
जिस कर्मधारय समास में पहले पद और उत्तर पद में सम्बन्ध बताने वाला पद लुप्त हो, मध्यलोपी कर्मधारय समास कहते है।
उदाहरण-
सामासिक शब्द | विग्रह |
---|---|
गोबरगणेश | गोबर से बना हुआ गणेश |
मृत्युदंड | मृत्यु के लिए दिया जाने वाला दंड |
पवनचक्की | पवन से चलने वाली चक्की |
मालगाड़ी | माल ले जाने वाली गाड़ी |
पर्णशाला | पर्ण से बानी शाला |