समास हिन्दी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण भाग है इससे विद्यार्थियों के परीक्षाओं में प्रश्न आते है इसलिए विद्यार्थियों को समास जानना आवश्यक है। आप इस पोस्ट में समास को संक्षिप्त रूप से जानेगे।
समास किसे कहते हैं?(Samas kise kahate hain)
दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से जो नया शब्द बनता है उसे समस्त-पद कहते हैं इस मेल की प्रक्रिया को समास कहते हैं।
अर्थात्
परस्पर संबंध रखने वाले दो अथवा दो से अधिक शब्दों का मेल समास कहलाता है।
जैसे- गंगा का जल का समास हुआ गंगाजल
समास के भेद-
- अव्ययीभाव समास
- कर्मधारय समास
- द्वंद समास
- तत्पुरुष समास
- द्विगु समास
- बहुव्रीहि समास
अव्ययीभाव समास-
जिस सामासिक शब्द का पहला पद अव्यय और प्रधान हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
जैसे-
- प्रतिमास- हर मास
- अनजाने- बिना जाने
- यथाक्रम- क्रम के अनुसार
- भरपेट- पेट भरकर
- यथोचित- जैसा उचित हो
- बीचोंबीच- बीच ही बीच
- भरसक- पूरी ताकत से
- आमरण- मृत्यु तक
- यथाशक्ति- शक्ति के अनुसार
तत्पुरुष समास-
जिस सामासिक शब्द का उत्तर पद (द्वितीय पद) प्रधान होता है उसे तत्पुरुष समास कहते हैं इनमें दोनों पदों के मध्य आने वाले परसरगो (के, लिए, को, से, के, द्वारा, का, के, की, में, पर) का लोप हो जाता है यानी छिप जाता है।
उदाहरण-
- स्वर्गप्राप्त- स्वर्ग को प्राप्त
- यशप्राप्त- यशप्राप्त को प्राप्त
- ग्रामगत- ग्राम को गया हुआ
- प्रेमातुर- प्रेम से आतुर
- जेबखर्च- जेब के लिए खर्च
- गंगाजल- गंगा का जल
तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं-
- कर्म तत्पुरुष
- करण तत्पुरुष
- संप्रदान तत्पुरुष
- अपादान तत्पुरुष
- संबंध तत्पुरुष
- अधिकरण तत्पुरुष
कर्मधारय समास-
जिस सामासिक पद यानी शब्द का उत्तर पद प्रधान हो उसे दोनों पदों में उपमेय उपमान और विशेषण विशेष्य का संबंध हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे-
- मुखचंद्र- मुख रुपी चंद्रमा
- कनकलता- कनक कि सी लता
कर्मधारय समास के तीन भेद है-
- उपमेय-उपमान
- विशेषण-विशेष्य
- मध्यपद लोपी
उपमेय-उपमान किसे कहते है?
जिस कर्मधारय समास के दोनों पदों में उपमेय-उपमान सम्बन्ध हो, उपमेय-उपमान कहलाता है।
- करकमल- कर रूपी कमल
- कमलनयन- कमल के समान नयन
- देहलता- देह रूपी लता
- नरसिह- नरों में सिंह के समान
विशेषण-विशेष्य किसे कहते है?
जिस कर्मधारय समास का प्रथम पद विशेषण और उत्तर पद विशेष्य हो, विशेषण-विशेष्य कहलाता है।
- नीलकंठ- नीला कंठ
- पीतांबर- पित है जो अंबर
मध्यपद लोपी किसे कहते है?
जिस कर्मधारय समास में पहले पद और उत्तर पद में सम्बन्ध बताने वाला पद लुप्त हो, मध्यपद लोपी कहलाता है।
- पवनचक्की- पवन से चलने वाली चक्की
- गोबरगणेश- गोबर से बना हुआ गणेश
- मालगाड़ी- माल ले जाने वाली गाड़ी
द्विगु समास-
जिस सामासिक शब्द का पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कहते हैं वस्तुतः यह कर्मधारय समास का ही एक उपभेद है।
उदाहरण-
- नवग्रह- नौ ग्रहों का समूह
- नवरात्र- नवरात्री का समाहार
- अठन्नी- आठ आनो का समूह
- नवरत्न- नौ रत्नों का समूह
- चौमासा- चार मासों का समूह
- शताब्दी- सौ वर्षों का समूह
- त्रिलोक- तीन लोकों का समाहार
- चौपाई- चार पदों का समूह
- दोपहर- दो पहरों का समाहार
द्वंद्व समास-
जिस सामासिक शब्द के दोनों पद प्रधान हो और विग्रह करने पर “और” ‘अथवा’ ‘या’ ‘एवं’ समुच्चयबोधक शब्द लगता हो उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
उदाहरण-
- माता-पिता=माता और पिता,
- लाभ-हानि= लाभ और हानि
- रात-दिन= रात और दिन
- नर-नारी= नर और नारी
- दाल-भात= दाल और भात
- छोटा-बड़ा= छोटा या बड़ा
- भला-बुरा= भला अथवा बुरा
द्वन्द्व समास के भेद-
द्वन्द्व समास के तीन भेद है-
- इतरेतर द्वन्द्व समास
- वैकल्पिक द्वन्द्व समास
- समाहार द्वन्द्व समास
बहुव्रीहि समास-
जिस सामासिक शब्द के दोनों पद अप्रधान हो और जिसके के शब्दार्थ के अलावा सांकेतिक अर्थ ही प्रधान हो उसे बहुब्रीही समास कहते हैं।
उदाहरण-
- चंद्रमौली= चंद्र है जिस पर जिसके (शिव)
- पीतांबर= पता है अम्बर है जिसके (विष्णु)
- चतुर्भुज- चार भुजाएं है जिसकी (विष्णु)
- धर्मात्मा धर्म- में आत्मा दिन है जिसकी
- अजातशत्रु- नहीं उत्पन्न हुआ हो शत्रु जिसका
- अल्पबुद्धि- अल्प है बुद्धि जिसकी
- पंचवटी- पांच वट हैं जहां वह स्थान
महत्वपूर्ण प्रश्न
समास के 6 भेद होते है- अव्ययीभाव समास, कर्मधारय समास, द्वंद समास, तत्पुरुष समास, द्विगु समास, बहुव्रीहि समास
दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से जो नया शब्द बनता है उसे समस्त-पद कहते हैं।
परस्पर संबंध रखने वाले दो अथवा दो से अधिक शब्दों का मेल समास कहलाता है।