दोस्तों हमारे आसपास जो वायुमंडल है वह अनेक परतों से मिलकर बना है हम वायु के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं आइए हम इस पोस्ट में आपको वायुमंडल किसे कहते हैं? के बारे में बताते हैं?
वायुमंडल किसे कहते हैं?
पृथ्वी के को चारों ओर से घेरे हुए वायु के परत को वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडल के ऊपरी परत के अध्ययन को वायुर्विज्ञान कहते हैं तथा निचली परत के अध्ययन को ॠतु विज्ञान कहते हैं।
वायुमंडल में निम्नलिखित गैस पाए जाते हैं। जैसे- नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड
वायुमंडल को कितने भागों में बांटा गया है?
वायुमंडल को 5 भागों में बांटा गया है-
- क्षोभ मंडल
- समताप मंडल
- ओजोन मंडल
- आयन मंडल
- बाह्य मंडल
क्षोभ मंडल
क्षोभ मंडल धरती की सबसे नीचे वाली परत है इसकी ऊंचाई ध्रुवों पर 8 किलोमीटर तथा विषुवत रेखा पर 18 किलोमीटर लगभग है। क्षोभ मंडल में तापमान की गिरावट की दर प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर 1॰C या 1 किलोमीटर की उँचाई पर 6॰C होती है।
क्षोभ मंडल में ही सभी वायुमंडलीय घटनाएं होती है जैसे- बादल, आँधी, वर्षा। क्षोभ मंडल को संहवन मंंडल कहते हैं क्योंकि संहवन धाराएँ क्षोभ मंडल तक ही सीमित है। इस मंडल को अधो मंडल भी कहते हैं।
समताप मंडल
समताप मंडल 18 से 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक है। इसमें तापमान समान रहता है। इसमें मौसमी घटनाएं जैसे आंधी, बादल, धूल कण कुछ नहीं होते। इस मंडल में वायुयान उड़ने की अच्छी दशा पाई जाती हैं।
समताप मंडल की मोटाई ध्रुवों पर सबसे अधिक होती है, पर कभी-कभी विषुवत रेखा पर समताप मंडल का लोप हो जाता है। कभी-कभी समताप मंडल में विशेष प्रकार के मेघों का निर्माण होता है जिन्हें मूलाभ मेघ में कहते हैं।
ओजोन मंडल
धरती से 32 किलोमीटर से 60 किलोमीटर के मध्य ओजोन मंडल है। इस मंडल में ओजोन गैस की परत पाई जाती है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है इसलिए इसे पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहा जाता है।
ओजोन परत को नष्ट करने वाली गैस CFC है जो फ्रिज, कंडीशनर आदि से निकलती है ओजोन परत की मोटाई मापने के लिए डासबन इकाई का प्रयोग किया जाता है। ओजोन मंडल में उँचाई के साथ-साथ तापमान बढ़ता जाता है। ओजोन परत में 1 किलोमीटर की ऊंचाई पर तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि पाई जाती है।
आयन मंडल
इसकी ऊंचाई 60 किलोमीटर से 640 किलोमीटर तक होती है। यह भाग कम वायुदाब तथा पराबैंगनी किरणों द्वारा आयनीकृत होता रहता है।
बाह्य मंडल
वह मंडल से 640 किलोमीटर से ऊपर के भाग को बाह्य मंडल कहा जाता है। इसकी ऊपर की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। इस मंडल में हाइड्रोजन एवं हीलियम गैस की प्रधानता है।
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