आज हम इस पोस्ट में दिष्टधारा और प्रत्यावर्ती धारा के अंतर के बारे में जानेगे। आप इस पोस्ट में बहुत सरल भाषा में AC और DC में different के बारे में जानेगे।
प्रत्यावर्ती धारा(AC)-
वह विद्युत धारा जिसका मान एवं प्रवाह के दिशा समय के साथ परिवर्तित होती रहती है यह एक निश्चित समय दर पर परिवर्तित होती रहती है वह प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है।
इसे AC करंट भी कहते है। AC का फुल फॉर्म Alternet Current होता है। इसकी फ्रीक्वेंसी भारत में 50 Hz है। यह हमारे घरों में प्रयोग होने वाला विद्युत है। इसका उत्पादन जल से, ताप से, पवन आदि तरीको से किया जाता है।
दिष्ट धारा(DC)-
वह विद्युत धारा जिसका मान और प्रवाह की दिशा समान रहती है उसे दिष्ट धारा या डीसी कहते हैं।
यह बैटरी, सेल, डायनेेमो जनित्र आदि द्वारा उत्पन्नन की जाने वाली विद्युत है। इसकी फ्रीक्वेंसी शुुुुुन्य होती है। DC का फुल फॉर्म Direct Current होता है। इसका प्रयोग सामान्यता बैटरी चार्जिंग हाई पावर मोटर को रनिंग करने के लिए किया जाता है।
दिष्ट धारा एवं प्रत्यावर्ती धारा में अंतर
S.N | दिष्ट धारा | प्रत्यावर्ती धारा |
1 | इसकी धारा जो सिर्फ एक ही दिशा में प्रवाहित होती है। | ऐसी धारा जो समय के अनुसार अपनी दिशा बदल देती है। |
2 | दिष्ट धारा में परिमाण और दिशा नियत रहता है। | इस धारा में परिमाण एवं दिशा समयानुसार बदलता रहता है। |
3 | इसे ट्रांसफार्मर की मदद से घटाया बढ़ाया नहीं जा सकता। | इसे ट्रांसफार्मर की मदद से धारक को घास मानो समय अनुसार घटाया बढ़ाया जा सकता है। |
4 | इससे विद्युत लेपन नही किया जा सकता। | इससे विद्युत लेपन किया जा सकता है। |
5 | इससे बैटरी को चार्ज नहीं किया जा सकता। | इससे बैटरी को चार्ज किया जा सकता है। |
आशा है कि आपको इस पोस्ट से आपको कुछ सीखने को मिला होगा।